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देहरादून: उत्तराखंड सचिवालय में वार्षिक स्थानांतरण नीति 2025 लागू करने की चर्चाएं जोर पकड़ रही थीं, लेकिन अब यह साफ हो गया है कि आगामी विधानसभा सत्र के चलते इस नीति को फिलहाल अमल में नहीं लाया जा सका है। सत्र की तैयारियों को देखते हुए बड़े पैमाने पर तबादलों से बचा गया है, ताकि व्यवस्थाएं प्रभावित न हों।

इस बीच सचिवालय प्रशासन ने अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रमोशन का तोहफा दिया है। 1 अगस्त को जारी आदेश के तहत कई अधिकारियों को उच्च पदों पर पदोन्नति दी गई है। सुनील सिंह को संयुक्त सचिव से अपर सचिव, अर्पण कुमार राजू और अनिल जोशी को उपसचिव से संयुक्त सचिव बनाया गया है। वहीं, सुभाष चंद्र, प्रीति तिवारी और देवेंद्र सिंह को अनु सचिव से उपसचिव पद पर प्रमोशन मिला है। अनुभाग अधिकारियों में भवानी राम आर्य, नवल किशोर ओझा, विमल चंद्र भट्ट और संदीप शर्मा को अनु सचिव पद पर पदोन्नत किया गया है।

गौरतलब है कि इस बार विधानसभा का मानसून सत्र गैरसैंण के भराड़ीसैंण में 19 से 22 अगस्त तक प्रस्तावित है। ऐसे में सचिवालय में व्यापक स्तर पर स्थानांतरण करने से सत्र की तैयारियों पर असर पड़ सकता था। इसीलिए स्थानांतरण नीति को लागू करने की प्रक्रिया को फिलहाल टाल दिया गया है।

हालांकि सूत्रों की मानें तो स्थानांतरण नीति 2025 के तहत जरूरी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं। अनिवार्य स्थानांतरण की श्रेणी में आने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की सूची भी तैयार हो चुकी है। विधानसभा सत्र के बाद सचिवालय में बड़े पैमाने पर बदलाव देखने को मिल सकते हैं।


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