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देहरादून। उत्तराखंड में मानसून ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। लगातार हो रही भारी बारिश के चलते राज्य के अधिकांश हिस्सों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भारतीय मौसम विज्ञान केंद्र ने देहरादून समेत नौ जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है, जबकि अन्य जिलों में ऑरेंज अलर्ट प्रभावी है।

रेड अलर्ट वाले जिलों में देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, नैनीताल, चंपावत और ऊधमसिंह नगर शामिल हैं। इन इलाकों में भूस्खलन, जलभराव, और नदी-नालों में उफान आने की आशंका जताई गई है। मौसम विभाग ने लोगों को रात-दिन सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है, विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में।

इधर, गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। शुक्रवार तड़के शुरू हुई मूसलाधार बारिश से जलस्तर चेतावनी रेखा 293 मीटर के करीब 292.90 मीटर तक पहुंच गया है। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर गंगा घाट खाली कराए हैं और तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के संबंधित प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह अलर्ट मोड पर हैं।

राज्य में खराब मौसम और सुरक्षा जोखिमों के चलते 29 जून को चारधाम यात्रा पर अस्थायी रोक लगा दी गई थी। हालांकि, रोक हटाए जाने के 24 घंटे के भीतर ही यात्रा को फिर से शुरू कर दिया गया है।
इस निर्णय पर कई लोग हैरानी जता रहे हैं, क्योंकि मौसम विभाग ने अब भी राज्य में बहुत भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया हुआ है।

चारधाम यात्रा से जुड़े श्रद्धालुओं को सलाह दी गई है कि वे मौसम की ताज़ा जानकारी के आधार पर ही यात्रा की योजना बनाएं और प्रशासन की जारी की गई एडवाइजरी का सख्ती से पालन करें। संभावित खतरे को देखते हुए, प्रशासन ने पूरे राज्य में बाढ़ राहत चौकियों को सक्रिय कर दिया है और संवेदनशील इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है।


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