उत्तराखंड में मौसम ने एक बार फिर अपना मिजाज बदल लिया है। बीते एक हफ्ते की तेज और चटक धूप के बाद सोमवार को राज्य के कई हिस्सों में झमाझम बारिश दर्ज की गई। मौसम में यह बदलाव रविवार रात से ही शुरू हो गया था, जो सोमवार को कई इलाकों में तेज बारिश के रूप में नजर आया।
मौसम विभाग के निदेशक सीएस तोमर के अनुसार, हालांकि अब उत्तराखंड से मॉनसून की आधिकारिक विदाई हो चुकी है, फिर भी कुछ स्थानों पर पोस्ट मॉनसून गतिविधियों के तहत बारिश की संभावना बनी हुई है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में कोई बड़ा अलर्ट या भारी बारिश की चेतावनी नहीं है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में 2–3 घंटे की मध्यम से तीव्र बारिश जरूर हो सकती है।
देहरादून, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जैसे जिलों में इस सप्ताह बारिश की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं। मौसम विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि बारिश की तीव्रता अब धीरे-धीरे कम होती जाएगी, हालांकि सोमवार की बारिश में तीव्रता अपेक्षाकृत अधिक रही।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, उत्तराखंड में सामान्य तौर पर 15 जून से 15 सितंबर तक मॉनसून सीजन माना जाता है। 15 जून से पहले की बारिश को प्री-मॉनसून और 15 सितंबर के बाद की बारिश को पोस्ट-मॉनसून के तहत रखा जाता है। इस बार मॉनसून के देरी से आने और बीच में एक हफ्ते की सूखी अवधि के कारण पोस्ट-मॉनसून बारिश की अवधि भी आगे खिसक गई है।
फिलहाल राज्य में वातावरण में किसी बड़े बदलाव के संकेत नहीं हैं, जिससे किसी बड़े अलर्ट या चेतावनी की संभावना नहीं जताई गई है। हालांकि, मौसम विभाग ने सलाह दी है कि स्थानीय स्तर पर होने वाली तेज बारिश से सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि ड्राई स्पेल के बाद अक्सर ऐसी तीव्र बारिश देखने को मिलती है।
