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रामनगर वन प्रभाग तराई पश्चिमी के अंतर्गत बन्नाखेड़ा रेंज के अंतर्गत पड़ने वाले बेलपोखरा गांव में आबादी क्षेत्र में एक टाइगर घुस गया. बता दें कि रामनगर वन प्रभाग तराई पश्चिमी के अंतर्गत पड़ने वाले बन्नाखेड़ा रेंज के अंतर्गत पड़ने वाले बेलपोखरा गांव में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब खेतों में कार्य कर रही महिलाओं ने खेत में बाघ को देखा, बाघ के दिखते ही महिलाओं में चीख पुकार मच गई. जिसके बाद आसपास के खेतों में काम कर रहे अन्य ग्रामीण भी महिलाओं की आवाज सुन घटना वाले क्षेत्र में पहुंच गए.
ग्रामीणों की आवाज सुन बाघ पास के ही एक पेड़ के नीचे बैठ गया, वहीं ग्रामीणों ने किसी तरह भागकर घटना की सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी, सूचना के बाद डीएफओ प्रकाश आर्य के नेतृत्व में वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच कर रेस्क्यू अभियान चलाया.
वही कड़ी मशक्कत के बाद वन विभाग तराई पश्चिमी व कॉर्बेट पार्क के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ दुष्यन्त शर्मा  की टीम द्वारा बाघ को सुरक्षित ट्रायकुलाइज कर तराई पश्चिमी के चूनाखान रेंज में लाया गया.
वही इस विषय में जानकारी देते हुए तराई पश्चिमी के डीएफओ प्रकाश चन्द्र आर्या ने कहा कि विभाग को आबादी में बाघ होने की सूचना मिली थी, जिस पर वन विभाग की टीम द्वारा बाघ का सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है, उन्होंने कहा कि बाघ को चुनाखान ईको टूरिज्म सेंटर में रखा गया है, बताया कि आगे उच्चाधिकारियों के आदेश के अनुसार ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.
आगे उन्होंने बताया कि बाघ की उम्र 2 साल है बाघ काफी डिहाइड्रेट है जिसे देखकर लग रहा है कि वह अपनी मां से बिछड़ा है और अभी शिकार करना नहीं सीखा है और शिकार ना करने की स्थिति के चलते बाघ काफी कमजोर है.
जिसे कई  दिनों से भोजन नहीं मिला इसलिए वह जंगल से भटक कर आबादी की ओर आ गया. फिलहाल बाघ को 24 घंटे के ऑपरेशन में रखा गया है जिसपर डॉक्टर अपनी नजर बनाए हुए हैं. 24 घंटे के बाद यह तय किया जाएगा कि बाघ को जंगल में छोड़ा जाए या फिर से इलाज के लिए कॉर्बेट नेशनल पार्क में बने रेस्क्यू सेंटर में रखा जाएगा.


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