उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गई है। केदारनाथ हाईवे एक बार फिर भूस्खलन के कारण कई स्थानों पर बंद हो गया है, जिससे तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
रविवार सुबह केदारनाथ हाईवे पर बांसबाड़ा और काकड़ागाड़ के पास भारी मलबा गिरने से मार्ग बंद हो गया। एनएच विभाग की मशीनें मार्ग को खोलने के कार्य में लगी हैं। वहीं, फाटा-डोलिया देवी के पास भी राजमार्ग खतरनाक स्थिति में है — नीचे से मंदाकिनी नदी का कटाव और ऊपर से पहाड़ी से लगातार भूस्खलन जारी है।
शनिवार रात कालीमठ घाटी के सीमांत गांव चिलोंड में भारी बारिश के कारण एक गौशाला मलबे में तब्दील हो गई। गौशाला में मौजूद 6 से 7 मवेशियों की मलबे में दबने से मौत की आशंका है। पूर्व जिला पंचायत सदस्य विनोद राणा ने बताया कि क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से ग्रामीण दहशत में हैं और जनहानि का खतरा बना हुआ है।
जिले के करीब एक दर्जन ग्रामीण लिंक मार्ग बंद पड़े हैं। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार के अनुसार, लैंडस्लाइड एरिया में एनएच विभाग की मशीनें तैनात हैं, ताकि मार्ग को शीघ्र खोला जा सके। प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
प्राथमिक विद्यालय तालजामण में बनाए गए राहत शिविर में भोजन, पानी और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। कुछ घरों में बिजली आपूर्ति बाधित है, जिसकी मरम्मत प्रक्रिया जारी है।
इधर, ऋषिकेश के रायवाला क्षेत्र में सॉन्ग नदी में एक 12 वर्षीय किशोर बह गया। सूचना मिलते ही SDRF टीम इंस्पेक्टर कविंद्र सजवाण के नेतृत्व में मौके पर पहुंची और किशोर को बेहोशी की हालत में रेस्क्यू कर लिया। उसे तुरंत 108 एम्बुलेंस से अस्पताल भेजा गया।
