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रुद्रप्रयाग। जिले में बीती रात आई तेज मूसलाधार बारिश और आंधी-तूफान ने भारी तबाही मचाई है। मौसम के इस कहर से जहां कई गदेरे उफान पर आ गए, वहीं दर्जनों भवनों और गौशालाओं की छतें उड़ गईं। जगह-जगह पेड़ गिरने और दोपहिया वाहनों के बह जाने की घटनाएं सामने आई हैं। आपदा प्रबंधन विभाग ने मौके का निरीक्षण शुरू कर दिया है और नुकसान का आकलन किया जा रहा है।

अगस्त्यमुनि के विजयनगर इलाके में भारी बारिश के कारण गदेरा उफान पर आ गया। गदेरे के किनारे खड़ी एक दर्जन से अधिक स्कूटी और बाइक मलबे में दब गईं या बहकर नदी तक पहुंच गईं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रात करीब दो बजे अचानक बारिश तेज हो गई और देखते ही देखते पानी का बहाव इतना तेज हो गया कि किनारे खड़े वाहन उसकी चपेट में आ गए।

सुबह होते ही स्थानीय निवासी धर्मेंद्र रावत, विपिन नेगी, हेमंत फर्स्वाण और रोहिणी ने बहकर गई स्कूटी और बाइकों को नदी तट से खींचकर वापस लाने की कोशिश की। अभी तक छह वाहन बरामद कर लिए गए हैं, शेष की तलाश जारी है।

भरदार पट्टी के दरमोला गांव में भी तेज आंधी-तूफान के चलते कई मकानों और गौशालाओं की छतें उड़ गईं। इससे ग्रामीणों को मवेशियों के रख-रखाव में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। तरवाड़ी निवासी कनकपाल सिंह की गौशाला पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। उन्होंने जिला प्रशासन से आर्थिक सहायता की मांग की है।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि फिलहाल क्षति का आकलन किया जा रहा है और रिपोर्ट जल्द ही जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी। उन्होंने आमजन से अपील की है कि बारिश के दौरान गदेरे और नालों के पास वाहन खड़े न करें, ताकि ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके।


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