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रुद्रप्रयाग: बीते तीन दिनों से बंद पड़ी केदारनाथ यात्रा को आखिरकार शनिवार से फिर से शुरू कर दिया गया है। हालांकि, सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक का राजमार्ग अब भी पूरी तरह से दुरुस्त नहीं हो पाया है। इसके बावजूद जिला प्रशासन ने अस्थायी रोक हटाकर तीर्थ यात्रियों को केदारनाथ धाम की ओर रवाना कर दिया है।

यात्रियों को अब सामान्य मार्ग की तुलना में करीब 6 किमी अतिरिक्त चलना पड़ रहा है, जिससे कुल दूरी लगभग 22 किमी हो गई है। प्रशासन का कहना है कि यह व्यवस्था तब तक लागू रहेगी, जब तक क्षतिग्रस्त मार्ग पूरी तरह से बहाल नहीं हो जाता।

मंगलवार देर शाम सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच राजमार्ग का लगभग 150 मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया था। इसके चलते केदारनाथ यात्रा तत्काल रोक दी गई थी और बड़ी संख्या में तीर्थ यात्रियों को वहीं रोकना पड़ा। इस दौरान एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस की टीमों ने यात्रियों को सुरक्षित निकाला।

मुनकटिया के पास अब भी लगातार भूस्खलन जारी है, जिससे पैदल मार्ग पर खतरा बना हुआ है। हालांकि, एनएच विभाग ने मार्ग को पैदल आवाजाही लायक बना दिया है, जिससे बुधवार से मरम्मत के बाद शनिवार को यात्रा फिर से सुचारू की गई।

पुलिस अधीक्षक अक्षय कोंडे ने बताया कि जब तक मार्ग वाहनों के लिए पूरी तरह से खुल नहीं जाता, यात्रियों को लगभग 22 किलोमीटर पैदल चलकर केदारनाथ पहुंचना होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मौसम खराब होने पर सुरक्षा के लिहाज से यात्रा अस्थायी रूप से रोकी जा सकती है। उन्होंने तीर्थयात्रियों से अपील की है कि वे मौसम पूर्वानुमान देखकर ही यात्रा की योजना बनाएं।

लोक निर्माण विभाग मार्ग को चौड़ा और सुरक्षित बनाने का कार्य लगातार कर रहा है। हालांकि, बारिश की वजह से यह काम चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।

गौरतलब है कि उत्तराखंड में रुक-रुक कर हो रही भारी बारिश ने चारधाम यात्रा को कई बार बाधित किया है। जगह-जगह भूस्खलन के कारण यात्रियों को पड़ावों पर रोका जा रहा है और रास्ता ठीक होने के बाद ही उन्हें आगे बढ़ाया जा रहा है। केदारघाटी में लगातार हो रही बारिश ने हालात और मुश्किल बना दिए हैं।

 


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