
देहरादून। हर साल श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटाने वाले बाबा नीम करौली महाराज के विश्व प्रसिद्ध कैंची धाम में अब स्थायी प्रबंधन व्यवस्था लागू की जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में अधिकारियों को तात्कालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक स्तरों पर कार्य योजना बनाकर तेजी से लागू करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री आवास में आयोजित उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि 15 जून को होने वाले स्थापना दिवस के मौके पर इस वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचने की संभावना है। ऐसे में तात्कालिक उपायों से इस बार की भीड़ को कुशलतापूर्वक नियंत्रित किया जाए। वहीं, आने वाले वर्षों के लिए स्थायी संरचना और प्रबंधन व्यवस्था विकसित की जाए, जिससे श्रद्धालुओं को सुविधाजनक, सुरक्षित और सुव्यवस्थित दर्शन का अनुभव मिल सके।
मुख्यमंत्री धामी ने सेनेटोरियम से भवाली पेट्रोल पंप तक लगभग 3 किमी सड़क कटिंग कार्य को युद्धस्तर पर पूर्ण कराने के आदेश दिए, जिससे मेले के दौरान यातायात सुचारू बना रहे और श्रद्धालुओं को आवागमन में दिक्कत न हो।
बैठक के दौरान नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष लगभग 24 लाख श्रद्धालु कैंची धाम पहुंचे, जबकि इससे पहले यह आंकड़ा 8 लाख के आसपास था। इस साल 15 जून को संभावित श्रद्धालुओं की संख्या 2.5 से 3 लाख तक हो सकती है।
उन्होंने बताया कि कैंची धाम की धारण क्षमता सीमित है, जबकि भीड़ कई गुना ज्यादा हो जाती है, जिससे ट्रैफिक और सुरक्षा व्यवस्था पर खासा दबाव पड़ता है।
भीड़ नियंत्रण और व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिलाधिकारी ने सुझाव दिया कि भविष्य में पंजीकरण प्रणाली लागू की जाए और श्रद्धालुओं की संख्या को सीमित किया जाए, जिससे यात्रा सुगम, सुरक्षित और व्यवस्थित रह सके।
इस बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगौली, विनय शंकर पांडे, एडीजी ए.पी. अंशुमान, आईजी कुमाऊं रिद्धिम अग्रवाल (वर्चुअली) और एसएसपी नैनीताल पी.एस. मीणा भी मौजूद रहे।
