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उत्तराखंड शासन ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के कार्यों में लापरवाही बरतने और बिना सूचना कार्यालय से अनुपस्थित रहने पर कड़ा एक्शन लिया है। कुमायूं क्षेत्र, अल्मोड़ा के मुख्य अभियंता एस.एन. सिंह को उनके मूल विभाग, सिंचाई विभाग में वापस भेज दिया गया है। यह कार्रवाई ग्राम्य विकास विभाग के सचिव के निर्देश पर की गई, जिसके तहत यूआरडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हिमांशु खुराना द्वारा आदेश जारी किया गया।

आदेश के अनुसार, जब तक नया नियुक्ति आदेश नहीं आता, तब तक पीएमजीएसवाई वृत्त, ज्योलीकोट के अधीक्षण अभियंता को मुख्य अभियंता कुमायूं क्षेत्र का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।

एस.एन. सिंह पर कार्यों की गुणवत्ता सुधारने में विफल रहने, पर्यवेक्षण में कमी, अधीनस्थों पर नियंत्रण के अभाव और मुआवजा वितरण में धीमी प्रगति जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। पीएमजीएसवाई के तहत कुमायूं क्षेत्र के कई मोटर मार्गों की खराब गुणवत्ता को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं।

दन्या-आरा-सल्पड़ मोटर मार्ग की खराब गुणवत्ता को लेकर कोई ठोस कदम न उठाने पर अधीक्षण अभियंता विनोद कुमार, प्रभारी अधिशासी अभियंता ज्ञानेश चंद्र उपाध्याय और सहायक अभियंता के.एन. सती को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

इसी तरह, “एम.आर.एल-18 कसियालेख-बुदिबाना-सूपी” मोटर मार्ग से संबंधित शिकायतों पर कार्रवाई न होने के चलते अधिशासी अभियंता मीना भट्ट और सहायक अभियंता संजय तिवारी (लोनिवि खंड, काठगोदाम) को भी नोटिस थमाया गया है।

सभी अधिकारियों को 2 दिन के भीतर संतोषजनक स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसा न करने पर आगे की सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

शासन की यह कार्रवाई पीएमजीएसवाई के अंतर्गत कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।


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