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उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत मंगलवार को भारी हंगामे के साथ हुई। जैसे ही गैरसैंण स्थित विधानसभा भवन में सत्र की कार्यवाही शुरू हुई, कांग्रेस विधायकों ने कानून-व्यवस्था और आपदा राहत के मुद्दे को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। विपक्षी विधायक वेल तक पहुंच गए और सदन की कार्यसूची को फाड़कर सदन में उछाल दिया।

इस दौरान कांग्रेस विधायकों ने सदन के भीतर माइक, सचिव की टेबल और टैबलेट को नुकसान पहुंचाया। विरोध इतना उग्र हो गया कि कई बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्षी विधायकों की इस हरकत को “बेहद दुखद” बताते हुए नाराजगी जताई।

विपक्ष की मांग थी कि नेता प्रतिपक्ष को सदन में पूरा सम्मान दिया जाए और नैनीताल के डीएम व एसएसपी को तत्काल बर्खास्त किया जाए। सदन के भीतर लगातार नारेबाजी होती रही।

मुख्यमंत्री जब दिवंगत विधायक मुन्नी देवी को श्रद्धांजलि देने के लिए माइक पर बोलने उठे, तो उनका माइक काम नहीं कर रहा था, जिसके चलते उन्हें पहली बार अपनी सीट बदलकर एक अन्य मंत्री के माइक से बोलना पड़ा। मुख्यमंत्री ने मुन्नी देवी के निधन पर शोक प्रस्ताव पढ़ा, लेकिन विपक्ष के हंगामे के चलते प्रश्नकाल नहीं चल सका।

विधानसभा में संसदीय कार्यमंत्री सुबोध उनियाल ने कांग्रेस पर सदन का अपमान करने का आरोप लगाते हुए दोषी विधायकों को दिन भर की कार्यवाही से निलंबित करने की मांग की। कांग्रेस विधायकों ने नियम 310 के तहत कानून व्यवस्था पर चर्चा की मांग को लेकर वेल में उतरकर प्रदर्शन किया।

दिनभर चली अफरा-तफरी के बीच तीन बार कार्यवाही स्थगित की गई, लेकिन शांति नहीं लौट पाई और सदन की कार्यवाही बाधित होती रही।

 


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