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हल्द्वानी। नैनीताल जिले के हल्द्वानी और लालकुआं क्षेत्र में सोमवार सुबह प्रशासनिक गतिविधियों ने लोगों में हड़कंप मचा दिया। सुबह-सुबह सड़कों पर पुलिस, जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और अग्निशमन की गाड़ियां दौड़ती देख कई लोग यह समझ नहीं पाए कि अचानक इतनी भारी संख्या में सुरक्षा और आपदा प्रबंधन टीमें क्यों सक्रिय हैं। बाद में पता चला कि यह जिला प्रशासन द्वारा मॉनसून सत्र की तैयारियों के तहत आयोजित एक मॉक ड्रिल थी।

आपदा प्रबंधन विभाग ने मॉनसून के दौरान संभावित आपदाओं से निपटने के लिए हल्द्वानी और लाल कुआं में मॉक ड्रिल का आयोजन किया। ड्रिल में देवखड़ी नाले में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने की सूचना पर राहत और बचाव अभियान शुरू किया गया। इस घटना में कई लोग घायल होने की भी सूचना दी गई थी।

सूचना मिलते ही जिला आपदा नियंत्रण कक्ष और तहसील स्तरीय आईआरएस (इंसिडेंट रिस्पांस सिस्टम) टीम तुरंत सक्रिय हो गई। जिलाधिकारी एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की अध्यक्ष वंदना ने आपदा परिचालन केंद्र से स्थिति पर नजर रखते हुए राहत कार्यों को प्रभावी और समयबद्ध तरीके से संचालित करने के निर्देश दिए।

हल्द्वानी तहसील कार्यालय में स्टेजिंग एरिया तैयार किया गया, जहां से विभिन्न विभागों की टीमें घटनास्थल की ओर रवाना हुईं। मॉक ड्रिल के दौरान छह घायल लोगों को देवखड़ी नाले से सुरक्षित निकाला गया, जिनमें चार को मौके पर प्राथमिक उपचार प्रदान किया गया, जबकि दो गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को 108 एम्बुलेंस के माध्यम से सुशीला तिवारी चिकित्सालय पहुंचाया गया।

साथ ही, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से जेसीबी मशीन की मदद से मलबा हटाने का कार्य भी किया गया, जिससे मार्ग साफ हो सके और राहत कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जा सके। इस मॉक ड्रिल में जनहानि शून्य रही। आपदा प्रबंधन विभाग ने राहत-बचाव कार्यों की समग्र निगरानी की और सभी विभागों के बीच समन्वय की क्षमता का सफल परीक्षण किया।

जिलाधिकारी वंदना ने कहा कि मॉक ड्रिल से मिली अनुभवों को आगामी संभावित आपदाओं से निपटने की रणनीति में उपयोग किया जाएगा। उन्होंने सभी अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए और कहा कि आपदा की किसी भी वास्तविक स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया और संसाधनों की तत्परता जनजीवन की रक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है।


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