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भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक सफलता सामने आई है। दोनों देशों ने जमीन, हवा और समुद्र में सभी तरह की सैन्य कार्रवाई और गोलीबारी रोकने पर सीजफायर समझौता किया है। शनिवार को भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) ने दोपहर 3:35 बजे भारतीय DGMO को कॉल किया, जिसके बाद दोनों पक्षों में यह सहमति बनी कि शाम 5:00 बजे से संघर्षविराम लागू कर दिया जाएगा।

विक्रम मिस्री ने यह भी बताया कि दोनों देशों को इस सहमति के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए गए हैं और 12 मई को दोपहर 12 बजे एक और बातचीत निर्धारित है।

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर दावा किया कि अमेरिका की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान के बीच पूर्ण और तत्काल संघर्षविराम पर सहमति बनी है। ट्रंप ने लिखा, “अमेरिका की मध्यस्थता में पूरी रात चली वार्ता के बाद मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान पूर्ण संघर्षविराम पर सहमत हो गए हैं।”

इस घोषणा से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर, पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार, और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से अलग-अलग वार्ताएं की थीं। रुबियो ने भी X (पूर्व में ट्विटर) पर इस समझौते की जानकारी साझा की।

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए X पर लिखा, “भारत और पाकिस्तान ने आज सभी प्रकार की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति जताई है। भारत आतंकवाद के हर रूप के खिलाफ अपना अटल रुख बनाए रखेगा।”

वहीं, जम्मू-कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक शेष पॉल वैद ने कहा कि भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान अगर आतंकवाद जारी रखता है तो उसे युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा। उन्होंने कहा, “भारत की नीति साफ है। हम न युद्ध चाहते हैं, न आतंकवाद। हमारा लक्ष्य आर्थिक महाशक्ति बनना है, न कि युद्ध लड़ना।”

यह सीजफायर समझौता ऐसे समय हुआ है जब हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए थे। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। हमले की जिम्मेदारी पाक समर्थित आतंकी संगठन टीआरएफ ने ली थी। इसके बाद भारत ने 6-7 मई की रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और POK में आतंकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की।

इस संयुक्त सैन्य अभियान में भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने भाग लिया। मिराज-2000, सुखोई-30 और राफेल जैसे लड़ाकू विमानों की मदद से 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया, जिसमें 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की खबर है। ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ उन शहीदों की पत्नियों को समर्पित था, जिन्होंने पहलगाम हमले में अपने पति खोए थे।

इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर भारी गोलीबारी की और कुपवाड़ा, राजौरी-पुंछ सहित कई रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया, जिसमें 16 नागरिकों की जान गई। पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और मिसाइल हमले की कोशिशें भी की गईं, जिन्हें भारत की S-400 रक्षा प्रणाली ने नाकाम कर दिया। जवाब में भारत ने लाहौर और सियालकोट में सैन्य कार्रवाई की, जिससे पाकिस्तान में हड़कंप मच गया।


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