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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार ने राज्य में स्वास्थ्य और सिंचाई योजनाओं की पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ी प्रशासनिक पहल की है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सचिव समिति की बैठक के बाद, स्वास्थ्य और सिंचाई विभाग के सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार के निर्देशन में दो अलग-अलग निरीक्षण दलों का गठन किया गया है।

राज्य सरकार का उद्देश्य है कि अटल आयुष्मान योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सहित सभी स्वास्थ्य सेवाएं प्रत्येक नागरिक तक प्रभावी रूप से पहुंचें। इसके लिए 15 जिलों में वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। ये अधिकारी ब्लॉक स्तर तक योजनाओं की स्थिति का आकलन करेंगे, सुविधाओं की समीक्षा करेंगे और 7 दिन के भीतर शासन को विस्तृत रिपोर्ट सौंपेंगे।

स्वास्थ्य योजनाओं के लिए नामित अधिकारी एवं जिले:

स्वाति भदौरिया – चमोली

रीना जोशी – देहरादून

अनुराधा पाल – बागेश्वर

वरुण चौधरी – पौड़ी गढ़वाल

डॉ. सुनीता टम्टा – टिहरी

डॉ. आशुतोष सयाना – रुद्रप्रयाग

डॉ. शिखा जंगपांगी – उत्तरकाशी

डॉ. नर्सिंग गुंजियाल – पिथौरागढ़

डॉ. मनोज उप्रेती – हरिद्वार

डॉ. चंद्र प्रकाश त्रिपाठी – चंपावत

ताजबर सिंह जग्गी – ऊधमसिंहनगर

डॉ. राजीव पाल सिंह – रुद्रप्रयाग

डॉ. मनु जैन – चंपावत

डॉ. बिंदेश शुक्ला – अल्मोड़ा

डॉ. आर. आर. बिष्ट – नैनीताल

सिंचाई विभाग की योजनाओं की प्रगति और उनकी ज़मीनी स्थिति जानने के लिए सरकार ने 13 वरिष्ठ अभियंताओं और अधिकारियों को निरीक्षण दल में शामिल किया है। ये अधिकारी अपने नामित जिलों का दौरा कर लाभार्थियों से संवाद, योजना की उपयोगिता की समीक्षा तथा रिपोर्ट के साथ फोटोग्राफ सहित दस्तावेज शासन को सौंपेंगे।

सिंचाई योजनाओं के लिए नामित अधिकारी एवं जिले:

गरिमा रौंकली – टिहरी

सुभाष चंद्र – उत्तरकाशी

बृजेश तिवारी – चमोली

प्रशांत बिश्नोई – पिथौरागढ़

शंकर कुमार साहा – पौड़ी

पी.के. मल्ल – चंपावत

गोकरन सिंह टोलिया – अल्मोड़ा

डी.एस. कछवाहा – नैनीताल

नवीन सिंघल – हरिद्वार

संजीव श्रीवास्तव – बागेश्वर

बी.के. पांडे – रुद्रप्रयाग

शरद श्रीवास्तव – ऊधमसिंहनगर

आर.बी. सिंह – चमोली

स्वास्थ्य और सिंचाई विभाग के सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा, “राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है कि सभी योजनाएं प्रभावी ढंग से धरातल पर उतरें और वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचे। हमने वरिष्ठ अधिकारियों को ज़िम्मेदारी देकर निगरानी तंत्र को मजबूत किया है। प्राप्त रिपोर्टों के आधार पर कार्यवाही की जाएगी और किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”


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