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देहरादून: राजधानी के दून अस्पताल परिसर में बनी एक अवैध मजार को लेकर सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर दर्ज शिकायत के बाद प्रशासन ने जांच पूरी कर देर रात उसे बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। यह मजार सरकारी भूमि पर बिना अनुमति के कब्जा कर बनाई गई थी। खास बात यह रही कि मजार गिराए जाने के बाद मलबे में से कोई धार्मिक अवशेष नहीं मिला।

जानकारी के अनुसार, ऋषिकेश निवासी पंकज गुप्ता ने इस मजार को लेकर शिकायत सीएम पोर्टल पर दर्ज कराई थी। इसके बाद जिलाधिकारी देहरादून ने मामले की जांच के आदेश दिए। नगर प्रशासन को निर्देश दिए गए कि वे इस संरचना से जुड़े भूमि दस्तावेजों की जांच करें। राजस्व विभाग, नगर निगम, लोक निर्माण विभाग (PWD), दून अस्पताल प्रशासन सहित अन्य संबंधित विभागों से भी रिपोर्ट मांगी गई।

जांच में यह स्पष्ट हुआ कि मजार न केवल बिना अनुमति के बनाई गई थी, बल्कि यह सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करके स्थापित की गई थी। अस्पताल प्रशासन से भी इस संबंध में रिपोर्ट ली गई, जिसके बाद वहां बैठे खादिम को नोटिस जारी किया गया।

देहरादून में इस मजार को लेकर कई तरह की चर्चाएं भी चल रही थीं। कोई इसे किसी फकीर की दरगाह बता रहा था तो कोई इसे अंधविश्वास से जोड़ रहा था। बताया जा रहा है कि खादिम अस्पताल के मरीजों से मिलकर उन्हें मजार पर इबादत के लिए प्रेरित करते थे, जिससे अस्पताल प्रशासन को लगातार परेशानी हो रही थी। साथ ही, अवैध धार्मिक संरचना के नाम पर कुछ लोग निजी कारोबार भी चला रहे थे।


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