
देहरादून। राज्य के सरकारी डॉक्टरों के संगठन पी.एम.एच.एस. (प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ) और स्वास्थ्य विभाग के बीच लंबे समय से चली आ रही तनातनी को सुलझाने की दिशा में सोमवार को बड़ी पहल हुई। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार के आमंत्रण पर सचिवालय स्थित स्वास्थ्य अनुभाग में आयोजित बैठक में डॉक्टरों की तीन प्रमुख मांगों पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में पी.एम.एच.एस. के प्रतिनिधि मंडल के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
पी.एम.एच.एस. की ओर से डॉ. मनोज वर्मा, डॉ. रमेश कुँवर, डॉ. तुहिन कुमार, डॉ. अजीत मोहन जौहरी और डॉ. मनीष कुमार बैठक में शामिल हुए। बैठक का उद्देश्य डॉक्टरों की लंबे समय से लंबित मांगों पर समाधान निकालना था, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं में किसी प्रकार का व्यवधान न आए और डॉक्टरों का मनोबल भी बना रहे।
बैठक के दौरान स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने स्पष्ट शब्दों में भरोसा दिलाया कि डॉक्टरों की तीन प्रमुख मांगों में से दो मांगों को अगले एक माह के भीतर पूरा कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इन मांगों को पूरा करने की प्रक्रिया पहले ही प्रारंभ कर दी गई है और इस दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है। स्वास्थ्य सचिव ने यह भी कहा कि सरकार डॉक्टरों की समस्याओं को पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ देख रही है और हर संभव प्रयास कर रही है कि उनकी जायज मांगों का समयबद्ध समाधान हो।
तीसरी मांग को लेकर भी बैठक में गहन चर्चा हुई। स्वास्थ्य सचिव ने प्रतिनिधिमंडल को ईमानदारीपूर्वक जानकारी दी कि इस मांग को पूरा करने में अपेक्षाकृत अधिक समय लग सकता है, लेकिन इस पर भी सकारात्मक प्रयास जारी रहेंगे। सचिव ने पारदर्शिता और संवाद की नीति को अपनाते हुए सभी पहलुओं पर डॉक्टरों को भरोसे में लिया।
पी.एम.एच.एस. के वरिष्ठ सदस्य डॉ. मनोज वर्मा ने बैठक के बाद कहा कि स्वास्थ्य सचिव का रुख अत्यंत सकारात्मक और सहयोगात्मक रहा। उन्होंने कहा कि सचिव ने न केवल डॉक्टरों की मांगों को समझा, बल्कि राज्य सरकार की प्राथमिकताओं और सीमाओं को भी खुलकर साझा किया। इससे प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों में संतोष का भाव दिखाई दिया।
डॉ. रमेश कुँवर ने बताया कि स्वास्थ्य सचिव के आश्वासन के बाद पी.एम.एच.एस. ने निर्णय लिया है कि फिलहाल ब्लैक रिबन बांधकर कार्य करने तथा विरोध प्रदर्शन जैसे कार्यक्रमों को एक माह के लिए स्थगित किया जा रहा है। संगठन को भरोसा है कि सरकार द्वारा तय समय सीमा के भीतर सभी मांगों का समाधान कर दिया जाएगा। यदि ऐसा नहीं होता है तो संगठन आगे की रणनीति तय करेगा।
पी.एम.एच.एस. ने सरकार के सकारात्मक रुख का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई कि भविष्य में भी स्वास्थ्य विभाग और डॉक्टरों के बीच इसी तरह का समन्वय और सहयोग बना रहेगा। संगठन ने यह भी कहा कि डॉक्टरों की सेवा शर्तों और कार्य वातावरण को बेहतर बनाने की दिशा में सरकार के प्रयासों का संगठन पूर्ण समर्थन करेगा।
बैठक में यह भी तय हुआ कि नियमित संवाद और समीक्षा के माध्यम से लंबित मामलों का समय-समय पर निराकरण किया जाएगा, ताकि किसी प्रकार का अविश्वास न पनपे और राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को और मजबूत बनाया जा सके।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने भी कहा कि सरकार डॉक्टरों के हितों के प्रति संवेदनशील है और उनकी हर वाजिब समस्या के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आश्वस्त किया कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए डॉक्टरों के साथ मिलकर हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
