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उत्तराखंड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत बनी नैनीताल और अल्मोड़ा जिलों की दो सड़कों को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच अब कुछ अधिकारियों पर कार्रवाई की सुगबुगाहट है। कांग्रेस पार्टी के स्थानीय नेताओं ने सड़क निर्माण में गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए थे, जिसके बाद सरकार ने तत्काल जांच के आदेश दिए थे।

 

सूत्रों के मुताबिक, जांच रिपोर्ट में दोनों सड़कों को तकनीकी दृष्टि से सही पाया गया है और निर्माण कार्य में कोई गंभीर खामी नहीं मिली। इसके बावजूद कांग्रेस के लगातार दबाव और धरना-प्रदर्शन के चलते शासन कुछ अधिकारियों को निलंबित करने की तैयारी कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि विरोध को शांत करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया जा सकता है।

 

इस पूरे घटनाक्रम पर विभागीय सूत्रों का कहना है कि संबंधित अभियंताओं ने तय मानकों के अनुरूप कार्य किया था और रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि हुई है। वहीं, सरकार का कहना है कि प्रदेश में पारदर्शिता बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है। यदि कहीं भी प्रशासनिक स्तर पर संवेदनशीलता की कमी नजर आती है, तो कार्रवाई करना आवश्यक है ताकि जनता का भरोसा कायम रह सके।

 

विभागीय अधिकारियों ने भी कहा कि वे सरकार के आदेशों का सम्मान करते हैं और भविष्य में निर्माण कार्यों में और अधिक पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने का संकल्प दोहराया है।

 

गौरतलब है कि नैनीताल और अल्मोड़ा में जिन सड़कों पर सवाल उठे थे, उनकी तकनीकी एजेंसियों द्वारा कराई गई थी, सूत्र बताते है कि इन सड़कों को मानकों के अनुरूप पाया था अब देखना होगा कि शासन आगे क्या कार्यवाही करता है


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