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उत्तराखंड में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कैबिनेट में चार मंत्री पद रिक्त हैं, जिन पर नियुक्ति को लेकर लगातार अटकलें लगाई जा रही हैं। इन अटकलों को और बल तब मिला जब खबर आई कि भाजपा प्रदेश संगठन ने इस मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को सौंप दी है। अब सभी की निगाहें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 6 मार्च को प्रस्तावित उत्तरकाशी दौरे पर टिकी हैं। माना जा रहा है कि उनके दौरे के बाद मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अंतिम फैसला लिया जा सकता है

 

उत्तराखंड सरकार में कुल 12 मंत्रियों की क्षमता है, जिसमें मुख्यमंत्री सहित अभी 8 मंत्री काम कर रहे हैं। यानी अभी भी चार पद खाली हैं। इनमें से तीन पद सरकार बनने के समय से ही रिक्त हैं, जबकि चौथा पद एक मंत्री के निधन के बाद खाली हुआ था। अब जब 2024 का लोकसभा चुनाव करीब है, तब इन खाली पदों को भरने के साथ ही कुछ मौजूदा मंत्रियों की जिम्मेदारियों में फेरबदल की संभावनाएं भी जताई जा रही हैं।

 

भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने हाल ही में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पार्टी हाईकमान को रिपोर्ट भेजी है। प्रदेश संगठन स्तर पर गहन मंथन के बाद यह रिपोर्ट तैयार की गई है। इस रिपोर्ट में संगठन और सरकार के संतुलन को ध्यान में रखते हुए संभावित नामों का भी सुझाव दिया गया है। हालांकि, अंतिम निर्णय भाजपा केंद्रीय नेतृत्व को ही लेना है।

 

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने इस विषय पर संकेत देते हुए कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार कभी भी हो सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री और प्रदेश नेतृत्व अपनी रिपोर्ट भेज चुके हैं, और अब इस पर अंतिम फैसला भाजपा हाईकमान को लेना है। किसे मंत्री बनाया जाएगा और किसे हटाया जाएगा, यह पूरी तरह से केंद्र के विवेक पर निर्भर है

 

उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से राजनीति में हलचल काफी बढ़ गई है। भाजपा के कई नेताओं के बयान चर्चा का विषय बने हुए हैं। कई जगहों पर इन बयानों का विरोध भी हो रहा है। इन राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए भाजपा संगठन इस मामले को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है। इसीलिए पार्टी ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को भेजी है, ताकि सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया जा सके

 

6 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तरकाशी दौरे पर जा रहे हैं। माना जा रहा है कि उनके इस दौरे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी कैबिनेट का विस्तार करेंगे और उसमें कुछ नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं। कुछ मौजूदा मंत्रियों की जिम्मेदारियों में भी फेरबदल होने की संभावना है।

 

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, भाजपा संगठन यह भी देख रहा है कि किन नेताओं को मंत्री पद देकर लोकसभा चुनाव की रणनीति को मजबूत किया जा सकता है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि मंत्रिमंडल में नए चेहरों को शामिल किया जाता है या फिर पुराने नेताओं को ही आगे बढ़ाया जाता है

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इससे पहले भी मंत्रियों के विभागों का बंटवारा किया था। उन्होंने गृह, सूचना, राजस्व सहित 21 विभाग खुद के पास रखे हैं। वहीं, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल को वित्त मंत्रालय, सतपाल महाराज को पर्यटन मंत्रालय और सुबोध उनियाल को वन मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अब अगर मंत्रिमंडल विस्तार होता है, तो नए मंत्रियों के साथ-साथ मौजूदा मंत्रियों के विभागों में भी बदलाव हो सकता है

 

भाजपा के लिए उत्तराखंड में मंत्रिमंडल विस्तार केवल सरकार के लिए नहीं, बल्कि आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति के लिए भी महत्वपूर्ण है। पार्टी राज्य के जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को संतुलित करने की कोशिश करेगी। इसके साथ ही, चुनावी मजबूती के लिहाज से ऐसे चेहरों को मौका दिया जा सकता है, जो पार्टी के लिए 2027 के विधान सभा चुनाव में फायदेमंद साबित हों।

 

 

 

हालांकि अभी तक संभावित नामों को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में कई नामों की चर्चा जोरों पर है। क्षेत्रीय संतुलन और जातीय गणित को देखते हुए कुछ नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।

 

अब देखना दिलचस्प होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तरकाशी दौरे के बाद भाजपा नेतृत्व क्या निर्णय लेता है और उत्तराखंड की सियासत में क्या बदलाव होते हैं। मंत्रिमंडल विस्तार न केवल सरकार के लिए, बल्कि आने वाले चुनावों के लिए भी एक बड़ा राजनीतिक फैसला साबित हो सकता है

 

 


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