देहरादून। उत्तराखंड सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में लगातार डिजिटल क्रांति ला रही है, जिससे प्रदेश के दूरस्थ और दुर्गम इलाकों में रहने वाले लोगों तक आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं आसानी से पहुंच रही हैं। टेलीमेडिसिन के इस सफल मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया है। हाल ही में हैदराबाद में आयोजित टेक्नोलॉजी सभा में उत्तराखंड सरकार की इस पहल की जमकर सराहना की गई। इस अवसर पर उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार को प्रदेश में डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए सम्मानित किया गया।
डॉ. कुमार ने इस सम्मान को पूरी स्वास्थ्य टीम को समर्पित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के नेतृत्व व मार्गदर्शन में प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं में तेजी से सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य डिजिटल सेवाओं को और विस्तार देना है ताकि राज्य के प्रत्येक नागरिक को सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।
इंडियन एक्सप्रेस समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान एक्सप्रेस कंप्यूटर द्वारा हाल ही में हैदराबाद में तीन दिवसीय ‘टेक्नोलॉजी सभा’ का आयोजन किया गया था। इस कार्यशाला में देश भर के स्वास्थ्य सचिव, नगर निकायों के अधिकारी तथा कॉरपोरेट जगत के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसमें डिजिटाइजेशन, टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और अन्य अत्याधुनिक तकनीकों के उपयोग पर विस्तार से चर्चा की गई ताकि इनका अधिकतम लाभ आम जनता को मिल सके।
उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार को टेलीमेडिसिन के माध्यम से प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल रूप से सुदृढ़ करने और इसे अंतिम छोर तक पहुंचाने के लिए सम्मानित किया गया। डॉ. कुमार की इस पहल ने उत्तराखंड जैसे भौगोलिक और पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील राज्य में टेलीमेडिसिन सेवाओं को सशक्त बनाने का कार्य किया है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के कई दूरदराज के गांवों में रहने वाले लोगों को अब तक बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही थीं। दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों और खराब परिवहन व्यवस्था के कारण ग्रामीणों को इलाज के लिए शहरों तक सफर करना पड़ता था, जिससे समय और धन दोनों की हानि होती थी। लेकिन अब टेलीमेडिसिन के माध्यम से मरीज दूर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टरों से ऑनलाइन परामर्श ले सकते हैं, जिससे उनका इलाज आसान और किफायती हो गया है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, टेलीमेडिसिन सेवा गरीब और दूरस्थ इलाकों में रहने वाले मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इसके तहत मरीजों को घर बैठे ही चिकित्सीय परामर्श, निःशुल्क दवाएं और जरूरी जांचों की सुविधा मिल रही है।
टेलीमेडिसिन सेवा के तहत राज्य के विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विशेषज्ञ डॉक्टरों से मरीजों की काउंसलिंग कराई जाती है। दूरदराज के इलाकों में रहने वाले मरीज अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर वहां मौजूद स्वास्थ्य कर्मचारियों की सहायता से वीडियो कॉल के जरिए विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श ले सकते हैं।
इसके अलावा, राज्य सरकार ने कई ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल हेल्थ वैन भी शुरू की है, जो टेलीमेडिसिन सुविधा से लैस हैं। इन वैनों में मौजूद आधुनिक उपकरणों के जरिए मरीजों की प्रारंभिक जांच की जाती है और फिर डॉक्टरों से ऑनलाइन कनेक्ट कर उनका इलाज किया जाता है।
उत्तराखंड सरकार केवल टेलीमेडिसिन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटलीकरण में भी तेजी से काम कर रही है। हाल ही में राज्य में ई-हॉस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया गया है, जिससे अस्पतालों में मरीजों के इलाज का पूरा रिकॉर्ड डिजिटल रूप में संग्रहीत किया जा रहा है। इससे डॉक्टरों को मरीज के पूर्व उपचार और रिपोर्ट्स की जानकारी आसानी से मिल रही है, जिससे उनका इलाज और अधिक प्रभावी हो रहा है।
इसके अलावा, राज्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित हेल्थ चेकअप सिस्टम भी विकसित किया जा रहा है, जिससे रोगों की शीघ्र पहचान और समय पर इलाज संभव होगा।
कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा,
“टेलीमेडिसिन सेवा के जरिए राज्य के सबसे दूरस्थ गांवों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के हमारे मिशन को सफलता मिल रही है। डिजिटल सेवाओं और एआई का लाभ स्वास्थ्य क्षेत्र के अलावा अन्य सामाजिक और सरकारी कार्यों में भी लिया जा रहा है। हमारी कोशिश है कि कोई भी नागरिक बेहतर इलाज से वंचित न रहे।”
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने डॉ. आर. राजेश कुमार को मिले इस सम्मान पर खुशी जताई और कहा कि यह पूरे राज्य के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को और अधिक सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है, और आने वाले समय में टेलीमेडिसिन सेवाओं का दायरा और बढ़ाया जाएगा।
उत्तराखंड सरकार अब टेलीमेडिसिन सेवाओं को और अधिक उन्नत बनाने की योजना बना रही है। जल्द ही सभी जिलों के सरकारी अस्पतालों को टेलीमेडिसिन नेटवर्क से जोड़ा जाएगा और अत्याधुनिक हेल्थ केयर सिस्टम विकसित किया जाएगा। इसके अलावा, सरकार एआई और मशीन लर्निंग तकनीकों का उपयोग कर स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में काम कर रही है।
उत्तराखंड में टेलीमेडिसिन सेवा स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति साबित हो रही है। इसका लाभ अब राज्य के उन सुदूर इलाकों में भी पहुंच रहा है, जहां पहले इलाज कराना बेहद मुश्किल था। हैदराबाद में डॉ. आर. राजेश कुमार को मिले इस सम्मान से यह स्पष्ट हो गया है कि उत्तराखंड ने डिजिटल हेल्थकेयर के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि आने वाले समय में प्रदेश सरकार टेलीमेडिसिन और डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं को और कि
तनी ऊंचाइयों तक पहुंचाती है।
