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उत्तराखंड में कांग्रेस की “केदारनाथ बचाओ यात्रा” आज केदारनाथ धाम में समाप्त हो गई है। इस यात्रा का समापन केदारनाथ में तिरंगा फहराकर किया गया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में आयोजित इस यात्रा में पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। यात्रा का उद्देश्य विभिन्न मुद्दों को उठाना और पार्टी कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भरना था।

यात्रा के प्रमुख उद्देश्य और राजनीति

कांग्रेस ने इस यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया। इनमें से एक प्रमुख मुद्दा केदारनाथ में दिल्ली के द्वारा प्रस्तावित मंदिर निर्माण का था, जिसे हाल ही में रोका गया था। कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की। इसके साथ ही, कांग्रेस ने आगामी विधानसभा उपचुनाव और प्रदेश में होने वाले निकाय और पंचायत चुनावों की तैयारी भी शुरू कर दी है।

महिलाओं के प्रति अपराध और अन्य मुद्दे

रामनगर बुलेटिन से बात करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणजीत सिंह रावत ने बताया कि यात्रा के दौरान उन्होंने कई मुद्दों को उजागर किया। इनमें केदारनाथ से दिल्ली ले जाई गई शिला की वापसी की मांग शामिल है, जिसे अभी तक पूरा नहीं किया गया है। रावत ने यह भी कहा कि केदारनाथ मंदिर ट्रस्ट द्वारा शुरू किए गए क्यूआर कोड प्रणाली पर सवाल उठाया है, जो अब भी चल रही है। इसके अलावा, प्रदेश में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध भी कांग्रेस के लिए एक बड़ा मुद्दा है।

यात्रा का समापन और भविष्य की योजना

पिछले दिनों भारी बारिश के कारण यात्रा को बीच में रोकना पड़ा था, लेकिन अब इसे सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। करन माहरा को मंगलौर और बद्रीनाथ चुनाव से नई ऊर्जा मिली थी, जिसे इस यात्रा के माध्यम से आगे बढ़ाने का प्रयास किया गया। कांग्रेस का यह कदम पार्टी की आगामी चुनावी रणनीति को सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

उत्तराखंड में कांग्रेस की इस यात्रा ने पार्टी के कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने का काम किया है और भविष्य के चुनावों की दिशा में एक मजबूत आधार तैयार किया है।


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