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उत्तराखंड में पाखरो सफारी कांड की आड़ में लगातार धामी सरकार को बदनाम करने की साजिश जारी है बता दें की कॉर्बेट पार्क मैं 2019 में पाखरो सफारी पार्क का निर्माण शुरू हुआ जो की नियमों के विरुद्ध था उस वक्त प्रदेश में त्रिवेंद्र सिंह रावत सीएम हुआ करते थे और वन मंत्री हरक सिंह रावत थे देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 2019 के आम चुनाव के पहले कॉर्बेट पार्क आय थे जिसके बाद ही पाखरो सफारी का निर्माण शुरू हुआ लेकिन इस में नियम कानूनों का उलंघन किया गया जिसको लेकर बाद में मुख्य मंत्री धामी ने विजलेंस जांच कराई जिसे बाद में कोर्ट के आदेशो के बाद सीबीआई को सौप दिया गया और अब इस मामले में सीबीआई के बाद ईडी भी शामिल हो चुकी है,

वही इस सब में सब से अहम भूमिका खुद प्रदेश के सीएम धामी ने निभाई थी उन्होंने की इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी करने के लिए सब से पहले विजलेंस जांच कराई विजलेंस ने कार्यवाही करते हुए तत्कालीन कालागढ़ डीएफओ किशनचंद और पाखरो जॉन के रेंजर को अरेस्ट किया था,जब की तब के कॉर्बेट पार्क के डायरेक्टर राहुल से पूछताछ हुई थी राहुल ही वो अधिकारी है जिन्होंने इस पाखरो सफारी के मामले में शासन और वन महकमे को कई चिट्ठियां लिखी की नियमों का उलंघन कर कॉर्बेट पार्क में निर्माण किया जा रहा है लेकिन उस वक्त न तो शासन के कानो तक जूं रेंगी न वन विभाग के उच्च अधिकारियों ने कोई संज्ञान लिया जब प्रदेश में पुष्कर धामी सीएम बने तब उन्होंने इस मामले में कार्यवाही की ओर कई लोग जेल गए,

वही इस मामले में पुष्कर सिंह धामी को बदनाम करने के लिए अभी भी लगातार साजिश जारी है बता दे की राजाजी नेशनल पार्क में आईएफएस राहुल को तैनाती देने को लेकर पुष्कर सिंह धामी को घेरने की कोशिश की जा रही है जबकि वन मंत्री के अनुमोदन पर ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राहुल को राजा जी नेशनल पार्क में डायरेक्ट बनाने की संस्कृति दी थी वहीं पिछले तीन सालों से वन मुख्यालय में बैठे राहुल को अब जाकर पोस्टिंग दी गई है जबकि उसे समय के इस मामले में शामिल की अन्य लोग अपनी नौकरी पूरी कर इस वक्त रिटायरमेंट की जिंदगी जी रहे हैं जो इस मामले में शामिल रहे हैं,

वहीं इस मामले में कुछ अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध प्रतीत होती है,इसको लेकर सरकार को चाहिए की इस मामले की विस्तृत जांच की जाए की वो कौन ऐसे अधिकारी हैं, जो लगातार इस मामले को गरमाय रखना चाहते हैं और लगातार पाखरो सफारी को लेकर माहौल बनाने में लगे हुए हैं,

बन मंत्री सुबोध उनियाल ने एबीपी लाइव को क्या बताया

वहीं इस मामले में एबीपी लाइव वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बात की तो उन्होंने बताया की मेने किसी अखबार में आज खबर पढ़ी जिसमे लिखा गया है की आईएफएस राहुल को राजा जी नेशनल पार्क का डायरेक्टर बनाने के लिए सीएम धामी ने मुझे ओवर रूल किया है,जो बिल्कुल गलत बात है मेने ही सीएम धामी से पोस्टिंग की बात की तो उन्होंने सांतुति दी क्या किसी मामले में आगरा सीबीआई जांच चल रही है तो क्या उस व्यक्ति को दोषी मान लिया जाए जब तक जांच जारी है किसी को दोषी केसे माना जा सकता है जांच में अगर कोई दोषी आएगा तो उसको बक्शा नहीं जाएगा लेकिन जांच चलने तक किसी को बैठकर रखना कहा का नियम है आज के समय में न जाने कितने ही मामले कितने लोगो के खिलाफ है सभी को सिर्फ मामला दर्ज होने के चलते दोषी मान लिया जाए तो क्या ते सही होगा,ये बिलकुल झूट है की सीएम धामी ने मुझे ओवर रुल किया है हमारी सहमति से ही राहुल को राजा जी पार्क का डायरेक्टर बनाया गया है वही वन मंत्री ने इशारों इशारों में कहा की कुछ अधिकारियों की आपसी लड़ाई इस सब का कारण हो सकती है,

 

बता दें की आईएफएस राहुल ने ही विभाग को इस पूरे मामले से अवगत कराया था कई चिट्ठियां भी शासन और वन महकमे को लिखी थी लेकिन उन चिट्ठियों का संज्ञान नहीं लिया गया अगर उस वक्त ही कोई सीएम धामी जेसी हिम्मत दिखा देता तो शायद आज ये सब न होता वहीं अब कुछ लोग लगातार सीएम धामी की छवि धूमिल करने की नका कोशिश में लगे है,

इस पूरे मामले में कुछ विभागय अधिकारी ही एक दूसरे की टांग खींचने में लगे है लगातार वन विभाग की स्थिति खराब करने में खुद इसी विभाग के अधिकारी शामिल बताए जाते है किसी अधिकारी का नाम तो सामने नहीं आया मगर इस विषय पर सीएम धामी को चाहिए की एक जांच कराई और उन तमाम लोगो के खिलाफ कार्यवाही हो जो विभाग में रहकर सरकार को बदनामी में लगे है|


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