वन विभाग के कारनामे रोज ही सामने आ रहे है आ एक नई जानकारी सामने आई है की अल्मोड़ा में अग्नि कांड में जान गवाने वाले करन आर्या की उम्र 17 साल से भी कम है, जब की उसकी उम्र विभाग के दस्तावेजों में 21 साल दर्शाई गई है,
बिनसर मामले में वन विभाग की एक के बाद एक
लापरवाही सामने आ रही है। गैराड़ के जंगल में आग बुझाने के दौरान जिन चार कर्मचारियों की मौत हुई थी उनमें एक नाबालिग निकला है।
करन आर्या निवासी भेटूली – आयारपानी की घटना के बाद उम्र 21 साल बताई गई। लेकिन उनके परिवार ने जो आधार कार्ड दिखाया, उसमें उनकी जन्मतिथि 20 सितंबर 2007 दर्ज है। इस आधार पर करन को अभी 17 वर्ष भी पूरे नहीं हुए हैं। स्थानीय लोगों ने इसे विभाग की लापरवाही बताया है करन के चचेरे भाई हिमांशु ने बताया कि करन फायर वॉचर के रूप में वन विभाग में काम कर रहा था,करन आर्या की उम्र विभागीय रिकार्ड में 21 साल दर्ज की गई, आधार कार्ड के मुताबिक करन को अभी 17 साल भी पूरे नहीं हुए थे।
विपिन कुमार, उपश्रमायुक्त श्रम निदेशालय ने भी कहा है कि सत्रह साल के किशोर से निजी या सरकारी किसी भी संस्थान में काम लिया जाना गैरकानूनी है,
मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड के सदस्य, न्यायाधीश गिरधर सिंह धर्मशक्तू द्वारा जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए दिनांकः 16 अगस्त 2024 को डीएफओ अल्मोड़ा को नोटिस जारी कर आदेश जारी किए गए,
आदेश कुछ इस प्रकार है शिकायतकर्ता भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी द्वारा 17 साल के किशोर को फायर वॉचर का कार्य कराये जाने के सम्बन्ध में शिकायती पत्र प्रस्तुत किया गया है शिकायती पत्र की प्रति प्रभागीय वनाधिकारी, अल्मोड़ा को प्रेषित की जाये। वह नियत तिथि तक प्रकरण के
सम्बन्ध में आख्या प्रस्तुत करेंगे विदित हो कि आयोग के उपरोक्त आदेश की अपेक्षानुरूप कार्यवाही न किए जाने की स्थिति में आयोग द्वारा विचारोपरान्त यथोचित आदेश पारित कर
दिए जायेंगे

