
देहरादून: उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पूरी तरह संपन्न हो चुके हैं और मतगणना भी पूरी हो चुकी है। अब जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव की तैयारी जोरों पर है। पंचायत चुनाव के तहत ग्राम पंचायत से लेकर जिला पंचायत तक के सदस्यों के पदों पर 24 और 28 जुलाई को मतदान हुए थे।
31 जुलाई को मतगणना के बाद चुनावी नतीजे घोषित कर दिए गए थे। इसके साथ ही पंचायती राज विभाग ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के आरक्षण की अनंतिम सूची भी जारी की थी, जिस पर 4 अगस्त शाम 6 बजे तक आपत्तियां मांगी गईं। अब तक आरक्षण को लेकर कुल 42 आपत्तियां विभिन्न जिलों से प्राप्त हुई हैं।
राज्य में देहरादून जिले में सबसे ज्यादा 15 आपत्तियां दर्ज हुई हैं, इसके बाद पौड़ी गढ़वाल जिले से 9 आपत्तियां मिली हैं। अन्य जिलों में उधम सिंह नगर से 3, चंपावत से 3, टिहरी गढ़वाल से 4, उत्तरकाशी से 2, पिथौरागढ़ से 2, चमोली और रुद्रप्रयाग से 1-1 आपत्ति दर्ज हुई है। नैनीताल, बागेश्वर और अल्मोड़ा जिलों से कोई आपत्ति नहीं मिली है।
पंचायती राज विभाग ने 1 अगस्त को अनंतिम आरक्षण सूची जारी की थी, जिसमें देहरादून, पौड़ी गढ़वाल, अल्मोड़ा, रुद्रप्रयाग और टिहरी गढ़वाल जिलों में अध्यक्ष पद सामान्य महिला के लिए आरक्षित किए गए हैं। बागेश्वर में यह पद अनुसूचित जाति महिला के लिए, पिथौरागढ़ में अनुसूचित जाति के लिए और उधम सिंह नगर में ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित है। वहीं उत्तरकाशी, नैनीताल, चमोली और चंपावत जिलों में यह पद अनारक्षित रखा गया है।
पंचायती राज विभाग की ओर से आपत्तियों के निस्तारण के लिए एक समिति गठित की गई है, जो 5 अगस्त को सभी 42 आपत्तियों का निपटारा करेगी। इसके बाद 6 अगस्त को जिला पंचायत अध्यक्ष के आरक्षण की अंतिम सूची जारी कर दी जाएगी। प्रशासन इस प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता के साथ पूरा करने में लगा है ताकि आगामी चुनाव निर्बाध और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हो सकें।
